महाराष्ट्र में रत्नागिरी जिले के देवरुख गांव में ग्रामीण विभाग में स्थित आठल्ये, सप्रे,पित्रे महाविद्यालय हिंदी साहित्य इस विषय की शुरुआत साल 1989 हुई हुई तब से लेकर आज तक गिटार 30 सालों से यह विभाग बहुत ही विकसित तरीके से कम कर रहा है इस विभाग की ओर से हर साल अलग-अलग प्रकार की प्रतियोगिता जैसे कथा अनुवाद पारिभाषिक शब्दावली कथा लेखन काव्य वाचन आदि प्रतियोगिता ले रहा है साक्षी विधिक विषय तत्वों को बुलाकर विभाग की ओर से बच्चों का हिंदी साहित्य का ज्ञान बढ़ाने का भरकश प्रयास कर रहा है। साथ ही तहसील के अन्य नजदीकी विद्यालय के बच्चों को विविध प्रतियोगिताओं में बुलाकर उन्हें अच्छी तरह से मार्गदर्शन कर रहा है। साथी साथ सिर्फ हिंदी साहित्य नहीं बल्कि अन्य भीम पर्स मेकिंग जैसे अनेक कौशल्याधिष्ठित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का रहा है। साथी व्यस्पति या सादरीकरण जैसे निवेदन वक्तृत्व पत्थर नाट्य दिग्दर्शन अभिनय कथा कथन आदि के ऊपर भी विविध व्याख्यानों का आयोजन कर रहा है। आज इस विभाग की अध्यक्ष प्राध्यापिका स्नेहलता पुजारी कार्यरत है।
Established in 1989, the Hindi Literature Department at Athalye-Sapre-Pitre College, located in the rural setting of Devrukh village in Ratnagiri district, Maharashtra, has been thriving for over 30 years. The department has continually evolved, offering a dynamic and engaging environment for students.
Each year, the department hosts a variety of competitions, including story translation, technical terminology, story writing, and poetry recitation, among others. By inviting subject matter experts, the department makes a concerted effort to enrich students’ understanding of Hindi literature. Additionally, it extends its outreach to neighbouring schools, inviting their students to participate in these competitions and providing them with expert guidance.
The department not only promotes Hindi literature but also runs various skill-based training programs, such as purse-making workshops, fostering practical skills alongside academic learning. It also organizes lectures and workshops on topics like public speaking, presentations, speech delivery, theatre direction, acting, and storytelling, helping students to develop both creative and communication skills.
The department is currently led by Professor Snehalata Pujari, who serves as the Head of the Department, guiding its continued growth and success.